प्रशिक्षु अधिनियम-1961 के अंतर्गत मुख्यालय या किसी भी प्रतिष्ठान में प्रशिक्षुओं की भर्ती के लिए निम्नलिखित प्रमुख बिंदु लागू होते हैं:
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नियोक्ता की जिम्मेदारी: अधिनियम के अनुसार, 40 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए प्रशिक्षुओं की भर्ती अनिवार्य है। कुल जनशक्ति (संविदा सहित) के 2.5% से 10% तक प्रशिक्षुओं को नियुक्त किया जाना चाहिए।
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चयन प्रक्रिया: प्रशिक्षुओं का चयन न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और चिकित्सा फिटनेस के आधार पर किया जाता है। चयन के लिए नियोक्ता विभिन्न माध्यम अपना सकते हैं, जैसे कि पोर्टल (NATS), प्रेस विज्ञापन, जॉब फेयर, संस्थानों से सूची प्राप्त करना, या अपनी वेबसाइट/सोशल मीडिया के माध्यम से आवेदन आमंत्रित करना।
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प्रशिक्षण की अवधि: यह न्यूनतम 6 महीने से लेकर अधिकतम 36 महीने तक हो सकती है, जो प्रशिक्षु की योग्यता और ट्रेड पर निर्भर करती है।
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वृत्तिका (Stipend): प्रशिक्षुओं को अधिनियम द्वारा निर्धारित न्यूनतम मासिक वृत्तिका (stipend) दी जाती है, जो समय-समय पर संशोधित होती रहती है।
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अन्य शर्तें: प्रशिक्षु को ओवरटाइम, आउटपुट बोनस या प्रोत्साहन योजना में शामिल नहीं किया जा सकता, और न ही उसे ठेके पर रखा जा सकता है। प्रशिक्षु श्रमिक नहीं माना जाता, बल्कि वह केवल प्रशिक्षणार्थी होता है।
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प्रशिक्षण अनुबंध: प्रशिक्षुता अनुबंध का पंजीकरण NATS पोर्टल के माध्यम से किया जाता है, जिसमें सभी दस्तावेज़ों की सत्यता की जिम्मेदारी नियोक्ता की होती है।
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प्रमाण पत्र: प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर प्रशिक्षु को “प्रवीणता का प्रमाण पत्र” जारी किया जाता है।
निष्कर्ष:
मुख्यालय स्तर पर प्रशिक्षुओं की भर्ती के लिए अधिनियम में निर्धारित प्रक्रिया, योग्यता, संख्या, चयन के तरीके, प्रशिक्षण की अवधि, और अन्य शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। नियोक्ता अपनी आवश्यकता और उपलब्ध संसाधनों के अनुसार प्रशिक्षुओं की भर्ती कर सकते हैं, बशर्ते कि वे अधिनियम की सभी शर्तों का पालन करें
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के तहत भर्ती प्रक्रिया कैसे निर्धारित है
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के तहत भर्ती प्रक्रिया निम्न प्रकार से निर्धारित है:
1. पात्रता (Eligibility):
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उम्मीदवार के पास संबंधित क्षेत्र में न्यूनतम शैक्षिक योग्यता (जैसे इंजीनियरिंग डिग्री/डिप्लोमा या सामान्य स्नातक डिग्री) होनी चाहिए।
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योग्यता प्राप्त करने के तीन वर्ष के भीतर आवेदन करना आवश्यक है।
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यदि उम्मीदवार को पहले से ही एक वर्ष या उससे अधिक का कार्य अनुभव या प्रशिक्षण मिल चुका है, तो वह पात्र नहीं होगा।
2. पंजीकरण (Registration):
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इच्छुक उम्मीदवारों को NATS पोर्टल (National Apprenticeship Training Scheme) या संबंधित पोर्टल पर पंजीकरण कराना होता है।
3. चयन प्रक्रिया (Selection Process):
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नियोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार चयन प्रक्रिया तय कर सकते हैं—जैसे कि शैक्षिक योग्यता, मेरिट, इंटरव्यू या संस्थानों से सूची प्राप्त करना।
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नियोक्ता साल में किसी भी समय प्रशिक्षुओं की भर्ती कर सकते हैं।
4. अनुबंध (Contract):
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चयनित प्रशिक्षु और नियोक्ता के बीच प्रशिक्षुता अनुबंध किया जाता है, जिसे ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य है।
5. प्रशिक्षण अवधि (Training Duration):
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प्रशिक्षण की अवधि 6 महीने से 3 साल तक हो सकती है, जो ट्रेड/योग्यता पर निर्भर करती है।
6. स्टाइपेंड (Stipend):
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प्रशिक्षुओं को अधिनियम के अनुसार निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेंड दिया जाता है।
7. प्रमाण पत्र (Certificate):
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सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने पर “प्रवीणता का प्रमाण पत्र” जारी किया जाता है।
8. रोजगार की बाध्यता नहीं (No Employment Guarantee):
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प्रशिक्षण के बाद नियोक्ता पर प्रशिक्षु को स्थायी रोजगार देने की बाध्यता नहीं होती।
सारांश:
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के तहत भर्ती प्रक्रिया में पात्रता, पंजीकरण, चयन, अनुबंध, प्रशिक्षण अवधि, स्टाइपेंड और प्रमाण पत्र की स्पष्ट व्यवस्था है, और यह प्रक्रिया नियोक्ता तथा प्रशिक्षु दोनों के लिए वैधानिक रूप से बाध्यकारी है।
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के तहत भर्ती के लिए विशेष योग्यता की आवश्यकता होती है, जो प्रशिक्षु की श्रेणी (जैसे ट्रेड अपरेंटिस, स्नातक अपरेंटिस, तकनीशियन अपरेंटिस) के अनुसार तय की जाती है:
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ट्रेड अपरेंटिस: उम्मीदवार को मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम 50% अंकों के साथ 10वीं कक्षा (या समकक्ष) उत्तीर्ण होना चाहिए।
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आईटीआई ट्रेड अपरेंटिस: संबंधित ट्रेड में आईटीआई प्रमाणपत्र आवश्यक है।
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स्नातक अपरेंटिस: इंजीनियरिंग या प्रौद्योगिकी में डिग्री (या समकक्ष) आवश्यक है।
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तकनीशियन अपरेंटिस: इंजीनियरिंग या प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा (या समकक्ष) अनिवार्य है।
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आयु सीमा: न्यूनतम आयु 14 वर्ष है (कुछ ट्रेडों के लिए 18 वर्ष), और अधिकतम आयु अलग-अलग संस्थानों/नियमों के अनुसार हो सकती है।
निष्कर्ष:
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के तहत भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और आयु सीमा जैसी विशेष योग्यताएं अनिवार्य रूप से निर्धारित हैं, जो प्रशिक्षु की श्रेणी और ट्रेड के अनुसार भिन्न हो सकती हैं
क्या इस अधिनियम के अंतर्गत भर्ती में कोई विशेष नियम या शर्तें हैं
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के अंतर्गत भर्ती में कई विशेष नियम और शर्तें निर्धारित हैं, जो इस प्रकार हैं:
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अनिवार्य अनुबंध: किसी भी व्यक्ति को प्रशिक्षु के रूप में नियुक्त करने से पहले उसके और नियोक्ता के बीच प्रशिक्षुता अनुबंध करना अनिवार्य है। यदि प्रशिक्षु अवयस्क है, तो उसके अभिभावक की सहमति आवश्यक होती है.
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शैक्षिक योग्यता: प्रशिक्षुता के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और अन्य पात्रता शर्तें संबंधित ट्रेड/श्रेणी के अनुसार निर्धारित की गई हैं.
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प्रशिक्षण की अवधि: प्रत्येक ट्रेड या श्रेणी के लिए प्रशिक्षुता प्रशिक्षण की न्यूनतम और अधिकतम अवधि अधिनियम में निर्धारित है.
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संस्थागत प्रशिक्षण: कुछ मामलों में, प्रशिक्षु को पहले मान्यता प्राप्त संस्थान से संबंधित कोर्स या परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है.
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आरक्षण: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए प्रशिक्षुता में आरक्षण का प्रावधान है.
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स्टाइपेंड: प्रशिक्षु को प्रशिक्षण के दौरान वेतन के बजाय स्टाइपेंड (stipend) दिया जाता है, जिसकी न्यूनतम राशि अधिनियम में तय है.
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प्रशिक्षुता परिषद् एवं निरीक्षण: प्रशिक्षुता प्रशिक्षण की गुणवत्ता और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय/राज्य प्रशिक्षुता परिषद् और निरीक्षक नियुक्त किए जाते हैं.
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अन्य शर्तें:
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प्रशिक्षु को ओवरटाइम, बोनस या अन्य प्रोत्साहन योजनाओं में शामिल नहीं किया जा सकता।
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प्रशिक्षुता अनुबंध की अवधि पूरी होने के बाद नियोक्ता पर स्थायी नियुक्ति की बाध्यता नहीं होती.
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प्रशिक्षुता प्रशिक्षण के लिए नियोक्ता को निर्धारित अनुपात में प्रशिक्षु नियुक्त करना अनिवार्य है, जो कुल जनशक्ति का 2.5% से 15% तक हो सकता है
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प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के अंतर्गत भर्ती के लिए विशिष्ट तकनीकी या व्यावसायिक प्रशिक्षण की आवश्यकता प्रशिक्षु की श्रेणी और ट्रेड पर निर्भर करती है:
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तकनीकी या व्यावसायिक प्रशिक्षु: यदि भर्ती तकनीकी (जैसे इंजीनियरिंग, डिप्लोमा, आईटीआई) या व्यावसायिक (जैसे होटल मैनेजमेंट, अकाउंटिंग आदि) श्रेणी के लिए है, तो संबंधित क्षेत्र में डिग्री, डिप्लोमा या आईटीआई प्रमाणपत्र आवश्यक होता है।
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सामान्य ट्रेड अपरेंटिस: कुछ ट्रेडों में केवल न्यूनतम शैक्षिक योग्यता (जैसे 10वीं या 12वीं) पर्याप्त हो सकती है, लेकिन बहुसंख्यक तकनीकी या व्यावसायिक ट्रेडों में संबंधित कोर्स या प्रशिक्षण अनिवार्य है।
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नियोक्ता की जिम्मेदारी: नियोक्ता को प्रशिक्षुओं को अधिनियम द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार तकनीकी प्रशिक्षण सुविधाएँ प्रदान करना अनिवार्य है।
निष्कर्ष:
इस अधिनियम के अंतर्गत अधिकांश तकनीकी या व्यावसायिक ट्रेडों में भर्ती के लिए विशिष्ट तकनीकी या व्यावसायिक योग्यता/प्रशिक्षण आवश्यक है, और नियोक्ता को भी प्रशिक्षुओं को उपयुक्त प्रशिक्षण उपलब्ध कराना अनिवार्य है
मैं कैसे सुनिश्चित कर सकता हूं कि मेरी योग्यता इस अधिनियम के मानकों पर खरा उतरती है
आप यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी योग्यता प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के मानकों पर खरी उतरती है, निम्नलिखित बिंदुओं की जांच करें:
1. न्यूनतम शैक्षिक योग्यता:
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अगर आप ट्रेड अपरेंटिस के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो संबंधित ट्रेड के अनुसार न्यूनतम शैक्षिक योग्यता (जैसे 10वीं, 12वीं, आईटीआई, डिप्लोमा, या डिग्री) अनिवार्य है।
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स्नातक अपरेंटिस के लिए संबंधित क्षेत्र में डिग्री (जैसे B.A., B.Sc., B.Com., B.E./B.Tech आदि) या समकक्ष योग्यता आवश्यक है।
2. आयु सीमा:
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न्यूनतम आयु आमतौर पर 14 वर्ष है (कुछ ट्रेडों के लिए 18 वर्ष)।
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कुछ ट्रेडों में अधिकतम आयु या आयु में छूट भी लागू हो सकती है।
3. योग्यता प्राप्ति की समय सीमा:
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योग्यता (डिग्री/डिप्लोमा/आईटीआई) प्राप्त करने के तीन वर्ष के भीतर आवेदन करना चाहिए।
4. अनुभव:
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यदि आपको योग्यता प्राप्त करने के बाद एक वर्ष या उससे अधिक का कार्य अनुभव या प्रशिक्षण मिल चुका है, तो आप प्रशिक्षु के रूप में पात्र नहीं हैं।
5. अन्य शर्तें:
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आपको किसी मान्यता प्राप्त संस्थान/बोर्ड/विश्वविद्यालय से उपयुक्त प्रमाणपत्र प्राप्त होना चाहिए।
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आपके पास शारीरिक और मानसिक रूप से प्रशिक्षण के लिए आवश्यक स्वास्थ्य होना चाहिए।
आत्म-मूल्यांकन के लिए सुझाव:
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अपनी योग्यता, प्रमाणपत्र, और अनुभव की समीक्षा करें।
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संबंधित भर्ती पोर्टल (जैसे NATS) पर पात्रता मानदंड पढ़ें और अपना पंजीकरण करें।
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यदि आवश्यक हो, तो किसी सलाहकार या काउंसलर से मार्गदर्शन लें।
इस प्रक्रिया के अनुसार, आप आसानी से सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी योग्यता प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के मानकों के अनुरूप है या नहीं।
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 में भर्ती के लिए आयु सीमा और अनुभव संबंधी निम्नलिखित प्रावधान हैं:
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आयु सीमा:
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सामान्यतः प्रशिक्षु के रूप में नियुक्त होने के लिए न्यूनतम आयु 14 वर्ष निर्धारित है।
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खतरनाक या जोखिमपूर्ण ट्रेडों के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष रखी गई है।
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कुछ योजनाओं (जैसे NAPS अनुबंध) के तहत ऊपरी आयु सीमा 35 वर्ष तक हो सकती है।
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अनुभव:
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अधिनियम में स्पष्ट रूप से पूर्व अनुभव की आवश्यकता नहीं बताई गई है।
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हालांकि, आमतौर पर प्रशिक्षुता के लिए वही व्यक्ति पात्र होता है जिसने संबंधित योग्यता हाल ही में प्राप्त की हो और जिसे उसी ट्रेड/क्षेत्र में पहले से एक वर्ष या उससे अधिक का अनुभव या प्रशिक्षण न मिला हो।
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निष्कर्ष:
इस अधिनियम के तहत भर्ती के लिए न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित है, जबकि अधिकतम आयु और अनुभव की आवश्यकता योजनानुसार या नियोक्ता की शर्तों पर निर्भर करती है।
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के तहत अपने क्षेत्र में प्रशिक्षुता के लिए आप निम्नलिखित विशेष योग्यताएं पूरी कर सकते हैं:
प्रशिक्षुता की श्रेणी | आवश्यक योग्यता |
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ट्रेड अपरेंटिस | संबंधित ट्रेड में ITI प्रमाणपत्र या न्यूनतम 8वीं/10वीं/12वीं उत्तीर्ण (ट्रेड के अनुसार) |
फ्रेशर ट्रेड अपरेंटिस | कक्षा 8वीं, 10वीं या 12वीं उत्तीर्ण (ट्रेड के अनुसार) |
स्नातक अपरेंटिस | संबंधित विषय में स्नातक डिग्री (जैसे B.A., B.Sc., B.Com., B.E./B.Tech) |
तकनीशियन अपरेंटिस | संबंधित विषय में डिप्लोमा (जैसे इंजीनियरिंग डिप्लोमा) |
अन्य मुख्य शर्तें:
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न्यूनतम आयु: 14 वर्ष (खतरनाक ट्रेडों के लिए 18 वर्ष)
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शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त होना चाहिए
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अनुभव: आमतौर पर हाल ही में योग्यता प्राप्त व्यक्ति पात्र होते हैं, जिनके पास एक वर्ष से अधिक का अनुभव नहीं होना चाहिए
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अनुबंध: चयन के बाद प्रशिक्षुता अनुबंध करना अनिवार्य है
क्या करें?
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अपने क्षेत्र (जैसे इंजीनियरिंग, अकाउंटिंग, आईटीआई ट्रेड, आदि) की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता देखें।
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संबंधित प्रमाणपत्र या डिग्री किसी मान्यता प्राप्त संस्थान/बोर्ड से प्राप्त करें।
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यदि आप ITI, डिप्लोमा या डिग्री धारक हैं, तो आप अपने क्षेत्र में ट्रेड/तकनीकी या स्नातक/तकनीशियन अपरेंटिस के लिए पात्र हो सकते हैं .
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पात्रता की पुष्टि के लिए संबंधित भर्ती पोर्टल (जैसे NATS, NAPS) पर विवरण पढ़ें और पंजीकरण करें।
इस प्रकार, अपने क्षेत्र की योग्यता और अधिनियम के मानकों का मिलान करके आप प्रशिक्षुता के लिए अपनी पात्रता सुनिश्चित कर सकते हैं।
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 में भर्ती के लिए विशेष योग्यता और परीक्षा संबंधी निम्नलिखित बातें निर्धारित हैं:
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विशेष योग्यता:
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अधिनियम के अनुसार, प्रशिक्षुता के लिए उम्मीदवार के पास संबंधित ट्रेड या क्षेत्र में आवश्यक शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए, जैसे—
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ट्रेड अपरेंटिस के लिए ITI, 10वीं/12वीं (ट्रेड के अनुसार)।
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स्नातक अपरेंटिस के लिए संबंधित क्षेत्र में डिग्री या डिप्लोमा (जैसे इंजीनियरिंग, विज्ञान, वाणिज्य आदि)।
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आरक्षित वर्गों (SC/ST/OBC) के लिए सीटों का आरक्षण भी अधिनियम में दिया गया है।
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परीक्षा की आवश्यकता:
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अधिनियम में भर्ती के लिए किसी केन्द्रीयकृत लिखित परीक्षा की अनिवार्यता नहीं है।
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चयन प्रक्रिया नियोक्ता के विवेक पर निर्भर करती है—कुछ संस्थान मेरिट, इंटरव्यू, या आवश्यकतानुसार ट्रेड टेस्ट ले सकते हैं।
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कुछ मामलों में स्थानीय भाषा का ज्ञान आवश्यक हो सकता है, जिसके लिए 10वीं या 12वीं की अंकतालिका या प्रमाणपत्र मान्य है; भाषा परीक्षा उन्हीं उम्मीदवारों के लिए होती है जिनके पास यह प्रमाण नहीं है।
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निष्कर्ष:
इस अधिनियम के तहत भर्ती के लिए ट्रेड/क्षेत्र के अनुसार न्यूनतम शैक्षिक योग्यता अनिवार्य है, जबकि लिखित परीक्षा या अन्य चयन प्रक्रिया का निर्धारण संबंधित नियोक्ता द्वारा किया जाता है। सभी उम्मीदवारों को संबंधित योग्यता और दस्तावेज़ प्रस्तुत करना आवश्यक है।
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 में भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। यह योग्यता प्रशिक्षु की श्रेणी और ट्रेड के अनुसार निर्धारित होती है:
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ट्रेड अपरेंटिस: आमतौर पर मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम 50% अंकों के साथ 10वीं कक्षा (या समकक्ष) उत्तीर्ण होना चाहिए।
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आईटीआई ट्रेड अपरेंटिस: संबंधित ट्रेड में आईटीआई प्रमाणपत्र आवश्यक है।
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स्नातक अपरेंटिस: संबंधित विषय में डिग्री (जैसे B.A., B.Sc., B.Com., B.E./B.Tech आदि) या समकक्ष योग्यता अनिवार्य है।
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तकनीशियन अपरेंटिस: संबंधित क्षेत्र में डिप्लोमा (जैसे इंजीनियरिंग डिप्लोमा) अनिवार्य है।
अधिनियम के अनुसार, नियोक्ता को यह सुनिश्चित करना होता है कि प्रशिक्षु के पास ट्रेड के लिए निर्धारित न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हो। चयन प्रक्रिया में उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता और मेरिट को वरीयता दी जाती है।
निष्कर्ष:
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के अंतर्गत भर्ती के लिए ट्रेड/क्षेत्र के अनुसार न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का स्पष्ट उल्लेख है, और यह योग्यता भर्ती प्रक्रिया का अनिवार्य हिस्सा है
प्रशिक्षु अधिनियम 1961 में प्रशिक्षुता के दौरान अनुभवी सलाहकारों के तहत काम करने का स्पष्ट प्रावधान है। अधिनियम का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षुओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण देना है, और इसके लिए यह अनिवार्य किया गया है कि—
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प्रशिक्षु को उसके संबंधित ट्रेड या व्यवसाय में योग्य निर्देशात्मक कर्मचारियों (अनुभवी सलाहकारों/इंस्ट्रक्टर्स) के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण दिया जाए।
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अधिनियम के अनुसार, प्रशिक्षु को व्यावहारिक और सैद्धांतिक दोनों प्रकार का प्रशिक्षण अनुभवी सलाहकारों की देखरेख में दिया जाता है, जिससे वह वास्तविक कार्यस्थल पर आवश्यक कौशल और अनुभव प्राप्त कर सके।
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नियोक्ता की जिम्मेदारी है कि वह प्रशिक्षु के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम और सलाहकार व्यवस्था सुनिश्चित करे।
निष्कर्ष:
इस अधिनियम में प्रशिक्षुता के दौरान अनुभवी सलाहकारों या योग्य प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में काम करने का स्पष्ट प्रावधान है, ताकि प्रशिक्षु को व्यावहारिक और सैद्धांतिक दोनों तरह का समुचित प्रशिक्षण मिल सके।